जीनी हुई गायब
आर्यन चैप्टर 29
जीनी हुई गायब
अब तक आपने पढ़ा आर्यन जीनी को साबित करता है की जीनी और बाकी लड़कियों में क्या फर्क है नील दरवाजे को खुलवाने की कोशिश में नाकाम बताता है तो आर्यन रणधीर के कमरे की तरफ बढ़ जाता है नील जीनी को बताता है तो जीनी दिमाग लगाने के लिए कहती है तभी पीछे से आवाज आती है इसके पास दिमाग है ही नहीं
अब आगे
जीनी पलट कर देखती है तो आर्यन खड़ा था, जीनी उसे देख कहती है "वो दरवाजा खोलना बहुत आसान है"
आर्यन उसे शक भरी नजर से देखते हुए कहता है "तुम्हे कैसे पता , और आसान कैसे है"
जीनी खुश होते हुए कहती है "वो क्या है ना मैं 9 साल की थी तब दद्दू ने एक बार मुझे बताया था कैसे खोलना है"
उसकी बात सुन आर्यन की आंखों में चमक आ जाती है वो जीनी का हाथ पकड़ लेता है और ले जाते हुए कहता है "चलो और दरवाजा खोलो"
वो बहुत तेज चल रहा था , जीनी उसके पीछे लगभग भाग रही थी, वो एक जगह रुक जाती है और थोड़ी तेज आवाज में कहती है "आप थोड़ा धीरे नही चल सकते क्या"
आर्यन उसे एक नजर देखता है फिर आगे चलने का इशारा करता है जीनी एटीट्यूड में उसके आगे चल देती है और जाकर दरवाजे की तरफ देखने लगती है
फिर कुछ सोचकर इधर उधर झांकने लगी है तभी उसे एक निशान दिखता है जो डिज़ाइन जैसा लग रहा था वो उसे घिसने लगती है, तभी आर्यन कहता है "तुम क्या कर रही हो"
जीनी कुछ नहीं कहती है बस उसे घिस रही थी कुछ मिनट घिसने के बाद वहां एक लाल रंग का डॉट जैसा कुछ दिखता है जिसे देख जीनी के चहरे पर मुस्कान आ जाति है
जीनी उस बटन को देख उसके सामने अपनी बाईं आंख कर देती है,कुछ ही पलों के बाद दरवाजा अपने आप खुल जाता है और जीनी आर्यन को देख अपने दांत दिखा देती है
आर्यन उसे देखते हुए कहता है "इसका पासवर्ड तुम्हारी आंखे हैं"
जीनी कहती है "हां दद्दू ने बनवाया था, ताकि मैं सेफ रहूं" आर्यन एकदम से उसे कमर से पकड़ कर अपने करीब कर लेता है और जैसे ही किस करने वाला होता है नील कहता है "सर मैं यही हूं"
उसकी आवाज सुन आर्यन पहले उसे गुस्से में घूर कर देखता है फिर जीनी को छोड़ देता है
वो दोनो अंदर की तरफ बढ़ जाते हैं,लेकिन वहां कोई और भी था,जो उन तीनो को कबसे देख रहा था, दरवाजा खुलते देख वो गुस्से में कहता है "जीनी तुझे तो मैं छोडूंगा नहीं"
आर्यन और नील अंदर आ जाते हैं, आर्यन वहां इतना खोया हुआ था की वो ध्यान ही नहीं देता,की जीनी उसके साथ नहीं है
वहीं वो आदमी जब देखता है की आर्यन और नील अंदर चले गए हैं वो जीनी का हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचता है,और उसके मुंह पर रूमाल रख देता है
जीनी बेहोश होकर उसकी बाहों में झूल जाति है "वो आदमी एक नजर पीछे मुड़ कर देखते हुए कहता है "तुम्हारी जिन तुम्हारे लिए हमेशा के लिए तलाश बन कर रह जायेगी मिस्टर आर्यन उर्फ़ आरव खन्ना"
इतना कह वो जीनी को गोद में उठा लेता है और लेकर वहां से निकल जाता है , आर्यन जैसे जैसे अंदर बढ़ रहा था, उसके दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी, वो कालकोठरी के पास पहुंचता है,तो उसे वहां तीन लोग दिखते हैं
उन्हे देख आर्यन की आंखों में आंसू आ जाते हैं, आर्यन उन्हे देख धीरे से कहता है "पापा"
आर्यन की आवाज सुन श्लोक जी उसे देखते हैं , कर्मवीर और कौशल्या जी बस उसे देखते ही रह जाते हैं
आर्यन दरवाजा खोलने की कोशिश करता है,तभी कुछ आदमी उसे घेर लेते हैं, आर्यन एक नजर नील को देखता है, नील उसका इशारा समझ, अपने फोन में कुछ करता है,तभी वहां कुछ लोग आ जाते हैं,आर्यन उन सबको घूरते हुए कहता है "इनमे से एक भी आदमी यहां से जिंदा ना जाए"
कौशल्या जी बस आर्यन को देख रही थी जैसे पहचानने की कोशिश कर रहीं हो, आर्यन ताला तोड़ अंदर जाता है और श्लोक जी के गले लग जाता है,श्लोक जी उसे अपनी बाहों में भर लेते हैं, सबकी आंखे नम थी,श्लोक जी उसके गालों पर हाथ रखते हुए कहते हैं "मुझे यकीन था तुम आओगे, और देखो तुम आ गए" आर्यन कहता है "माफ कर दीजिए पापा,मेरी वजह से ये सब"
श्लोक जी उसके आंसू पोंछते हुए कहते हैं "कोई बात नहीं बेटा, इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है"
आर्यन फिर इधर उधर देखते हुए कहता है "मां कहां हैं? " उसका सवाल सुन श्लोक जी ना में सर हिला देते हैं कौशल्या जी जो कबसे खामोश थी वो आर्यन को अपनी नम आंखों से देखते हुए कहती हैं "तु....तुम....तुम आरव हो" आर्यन उनके आंसू साफ करते हुए कहता है
"हां सासु मासा मैं आरव हूं" उसकी मुंह से सासु मासा सुन कौशल्या जी उसके गले लगकर रोने लगती हैं , और रोते हुए कहती हैं "तुम कहां चले गए थे आरव,कहां चले गए थे"
आर्यन उन्हे खुद से दूर करते हुए कहता है "अब मैं आ गया हूं ना सब ठीक हो जायेगा"
कौशल्या जी रोते हुए कहती हैं "वो मेरी बेटी को,वो उसे कोठे पर" वो अपनी बात अधूरी छोड़ रोने लगती हैं आर्यन उन्हे चुप कराते हुए कहता है "आप जानती हैं ना जिन सिर्फ मेरी है,तो उसे मुझसे दूर कोई कैसे कर सकता है"
कोई कुछ कहता तभी कर्मवीर जी आर्यन का कंधा पकड़ कर कहते हैं "इसका मतलब जीनी तुम्हारे पास है"
आर्यन उनका हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहता है "हां बापुसा, वो मेरे साथ है" कौशल्या जी इधर उधर देखते हुए कहती हैं "कहां है,जीनी कहां है? बताओ ना"
आर्यन पीछे मुड़ कर कहता है "जिन कहां हो तुम" लेकिन उसे जीनी नहीं कही नहीं दिखती है, आर्यन वहां से निकल कर बाहर आता है,और इधर उधर देखते हुए उसे आवाज़ लगाने लगता है, "जिन कहां हो तुम,क्या मुझे सुन सकती हो"
लेकिन जीनी की कोई आवाज नहीं आती है, आर्यन नील को घूरते हुए कहता है "वो कहां है" नील घबराते हुए कहता है ",मुझे नहीं मालूम मिस्टर खन्ना, मिसेज़ खन्ना अभी यहीं थी"
श्लोक जी उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहते हैं "आरव तुम्हे उसे अकेला नहीं छोड़ना चाहिए था" आर्यन कुछ पल खामोश रहता है ,फिर रणधीर के कमरे की तरफ बढ़ जाता है,अभी वो कुछ पल आगे बढ़ा ही था की उन साबको कुछ आवाज आने लगती है,
आर्यन इधर उधर देखता है तो वहां कोई नहीं था, वो कुछ सोच कर आगे बढ़ जाता है, और उस आवाज का पीछा करने लगता है
श्लोक जी ,कर्मवीर जी और कौशल्या जी भी उसके पीछे पीछे आ जाते हैं नील भी उसके साथ साथ चल रहा था, वो हवेली थोड़ी भूल भुलैया जैसी थी,जिसके कारण आर्यन को समझ नहीं आ रहा था,की वो कहां जाए ,
तभी श्लोक जी उसके कंधे पर हाथ रखते हैं और एक कमरे की तरफ इशारा करते हैं, आर्यन उस कमरे की तरफ बढ़ जाता है , और जैसे ही कमरे का दरवाजा खोलता है,सामने का नजारा देख वो एक दम से वहीं जम जाता है.........
कौन है वो आदमी? वो कहां ले गया है जीनी को? क्या आर्यन जीनी को ढूंढ पाएगा ? आखिर क्या देखा आर्यन ने उस कमरे में? क्या यही अंत है आर्यन और जीनी की कहानी का ?
जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी आर्यन इश्क की अनोखी दास्तान मिलते हैं अगले चैप्टर में तब तक के लिए बाय बाय
वानी
Abhilasha Deshpande
05-Jul-2023 03:00 AM
Good one
Reply
अदिति झा
20-Jun-2023 06:01 PM
Nice one
Reply
Madhumita
20-Jun-2023 04:39 PM
Nice part 👌
Reply